ആജ് കാ ശബ്ദ് അകലൻ യതീന്ദ്രനാഥ് രാഹി കവിത വഞ്ചന ഹേ ഏക് നേ ദിനം കി

                
                                                             
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- आकलन, जिसका अर्थ है- किसी के गुण, मूल्य, महत्व आदि को आँकने की क्रिया, अनुमान। प्रस्तुत है यतींद्रनाथ राही की कविता- वंचना है कल नए दिनमान की
                                                                     
                            

वंचना है
कल नए दिनमान की
बातें करो मत!

महक रिश्तों में कहाँ है
काग़ज़ी हैं फूल सारे
एक माया जाल में
उलझे हुए पंछी विचारे
क्या करें ये डालियाँ ही
नीड़ अपने छल रही हैं
स्वप्न निद्रा है
किसी उद्गान की
बातें करो मत।

आगे पढ़ें

2 മിനിറ്റ് മുമ്പ്

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *