ആജ് കാ ശബ്ദ് ക്രിയ കേദാർനാഥ് സിംഗ് ഹിന്ദി കവിതാ ജബ് വർഷ ശുരു ഹോതീ ഹേ

                
                                                             
                            हिंदी हैं हम शब्द-श्रृंखला में आज का शब्द है क्रिया जिसका अर्थ है 1. वह शब्द जिससे किसी कार्य के किए जाने का भाव प्रकट हो या 2. कर्म। कवि केदारनाथ सिंह ने अपनी कविता में इस शब्द का प्रयोग किया है।
                                                                     
                            

जब वर्षा शुरू होती है
कबूतर उड़ना बन्द कर देते हैं
गली कुछ दूर तक भागती हुई जाती है
और फिर लौट आती है

मवेशी भूल जाते हैं चरने की दिशा
और सिर्फ रक्षा करते हैं उस धीमी गुनगुनाहट की
जो पत्तियों से गिरती है
सिप् सिप् सिप् सिप्

जब वर्षा शुरू होती है
एक बहुत पुरानी सी खनिज गंध
सार्वजनिक भवनों से निकलती है
और सारे शहर में छा जाती है

जब वर्षा शुरू होती है
तब कहीं कुछ नहीं होता
सिवा वर्षा के
आदमी और पेड़
जहाँ पर खड़े थे वहीं खड़े रहते हैं
सिर्फ पृथ्वी घूम जाती है उस आशय की ओर
जिधर पानी के गिरने की क्रिया का रुख होता है। 

11 മിനിറ്റ് മുമ്പ്

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