ആജ് കാ ശബ്ദ് ഉദ്ഘോഷ് അടൽ ബിഹാരി വാജ്‌പേയി മികച്ച കവിത എൻ ദൈന്യം എൻ പാലയനം

                
                                                                                 
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- उद्घोष, जिसका अर्थ है- घोष या घोषणा। प्रस्तुत है अटल बिहारी वाजपेयी की कविता- न दैन्यं न पलायनम् 
                                                                                                
                                                     
                            

कर्तव्य के पुनीत पथ को
हमने स्वेद से सींचा है,
कभी-कभी अपने अश्रु और—
प्राणों का अर्ध्य भी दिया है।

किंतु, अपनी ध्येय-यात्रा में—
हम कभी रुके नहीं हैं।
किसी चुनौती के सम्मुख
कभी झुके नहीं हैं।

आज,
जब कि राष्ट्र-जीवन की
समस्त निधियाँ,
दाँव पर लगी हैं,
और,
एक घनीभूत अंधेरा—
हमारे जीवन के
सारे आलोक को
निगल लेना चाहता है;

आगे पढ़ें

2 മിനിറ്റ് മുമ്പ്

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *