ആജ് കാ ശബ്ദ് യച്ന ജിതേന്ദ്ര കുമാർ സിംഗ് സഞ്ജയ് കവിത സ്വാർത്ഥ് കി ബേദിയോൻ മെൻ ബന്ധേ സബ് ജഹാൻ

                
                                                                                 
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- याचना, जिसका अर्थ है- कुछ पाने के लिए प्रार्थना करने की क्रिया या भाव, माँगना। प्रस्तुत है जितेन्द्र कुमार सिंह ‘संजय’ की रचना- स्वार्थ की बेड़ियों में बँधे सब जहाँ
                                                                                                
                                                     
                            

न्याय की याचना देवता से रही,
किन्तु हर मोड़ पर प्रेत का वास है।

स्वार्थ की बेड़ियों में बँधे सब जहाँ
न्याय की कामना ही वहाँ व्यर्थ है

आचरण की तुला पर ठहरते नहीं
आवरण में छिपा सूत्रवत् अर्थ है

आज का ही नहीं रोज़ का क्रम यही,
कालिमा ने रचा इनका इतिहास है।
न्याय की याचना देवता से रही,
किन्तु हर मोड़ पर प्रेत का वास है॥

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