ആജ് കാ ശബ്ദ് ദധക്നാ സുരേഷ് ചന്ദ്ര മികച്ച കവിത ജീവൻ മർനോട്ടർ ഏക് ക്രിയാശിൽ ശബ്ദ് ഹേ

                
                                                                                 
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- धधकना, जिसका अर्थ है- आग की लपट के साथ जलना, दहकना, भड़कना, उद्वेलित हो उठना। प्रस्तुत है सुरेश चंद्रा की कविता- जीवन, मरणोत्तर एक क्रियाशील शब्द है  
                                                                                                
                                                     
                            

केतकी!

कल फिर
गुलदान छूट गिरा तुमसे
घर बिखरा ही रह गया
कपड़े गुनसाम गँधाते रहे
रोटियाँ जला ली तुमने

क्या सोचती रहती हो?
क्या खदबदाता है अंदर?
 

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3 മിനിറ്റ് മുമ്പ്

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